फूल था, बहार था, बरखा था, क्या था
कल मैंने तेरा नाम सुना था, क्या था
उज्र है अपना आशिक कहने में हमें
कल चुपके से देख लिया था, क्या था
कोशिश की हमेशा न कहो कुछ
आँखों ही आँखों में बाँतें की, क्या था
खाते हो कसमें "भुला दिया है तुझको"
कल सपने में फिर आये थे, क्या था
कहते हो सिर्फ सिर्फ दोस्त हो
एक हरकत पे रूठ गए, क्या था
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खाते हो कसमें "भुला दिया है तुझको"
ReplyDeleteकल सपने में फिर आये थे, क्या था......
Beautiful