Sunday, October 17, 2010

Prempatra (love letter)

प्रेमपत्र
इक कागज़ का टुकड़ा
उसमे प्रेम का सार
मुमकिन है?

कुछ लम्हों का छेड़-छाड़
खेल है
कुछ दिनों का

कमुनिस्ट का कोम्मुनिस्म से
सोसिअलिस्ट का सोसिअलिस्म से
और कैपिटलिस्ट का कैपितालिस्म से

भूखे-नंगों के दुनियां में
लालची दरिंदों के बीच
किम योंग की तानाशाही के बीच
अमेरिका की दादागिरी के बीच

प्रेमपत्र अभी अधुरा है !!!

Sunday, October 10, 2010

Bikhra

आवाज़ बिखरी है, ख्वाब बिखरें है
बेदर्द दुनिया में, कई शबाब बिखरें हैं

खोजती रहतीं हैं हर सिम्त निगाहें जिसको
वजूद उसके इस दिल पे हज़ार बिखरें हैं

मुदावा नहीं दर्दे-दिल का किसी के पास,
जहाँ में लेकिन चारागर बेशुमार बिखरें हैं

मरासिम बनाना चाहता था एक अजनबी से
रब्ते-अदायगी में जख्म हज़ार बिखरें हैं

मज़िले-इश्क की राह पे ऐ बिस्मले-इश्क
"फिगार" एक तू ही नहीं, कई फ़िगार बिखरे हैं