Saturday, August 25, 2012

tera chehra

हर चेहरा तेरा चेहरा बन जाता है
सिवा तेरे कुछ और अब न भाता है

बस तेरे ही ख्यालों में खोया रहता हूँ
हर ख्याल तेरा ताजमहल हो जाता है

तेरे आने की दस्तक सुनते ही
हर ख्वाब रंगीन हो जाता है

माना कि मोहब्बत है ग़म का इक नाम
दीदार तेरा वो ग़म गलत कर जाता है

मालूम नहीं मिल पायेंगे हम, मगर
ख्वाब-ए-विसाल से दिल खुश हो जाता है

मरता नहीं कोई इनकार के बाद "फिगार "
बस ज़िन्दगी से फासला हो जाता है 

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